Trivenis by Gulzar [sung by Jagjit Singh]
ज़िन्दगी क्या है, जानने के लिए
ज़िंदा रहना बहुत ज़रूरी है
आज तक कोई भी रहा तो नहीं
है नहीं जो दिखाई देता है
आईने पर छपा हुआ चेहरा
तर्जुमा आईने का ठीक नहीं
आओ हम सब पहन लें आईने
सारे देखेंगे अपना ही चेहरा
सबको सारे हसीं लगेंगे यहाँ
हमको ग़ालिब ने ये दुआ दी थी
तुम सलामत रहो हज़ार बरस
ये बरस तो फ़क़त दिनों में गया
...
What is life, to know this
Staying alive is very important
Till date none have
It is not what it seems
The face printed on the mirror
The mirror's translation is not accurate
Let us all wear mirrors
Each will see their own image
All will find each handsome
We were blessed by Ghalib
May you be preserved for a thousand years
This year though passed merely in days
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