Saturday, September 27, 2008

Nuggets of Wisdom -- 1

Presenting the first installment of Nuggets of Wisdom Series, in which yours truly offers (rarely) original, (sometimes) clichéd, and (almost always) useless insights into the nature of things.

If you take something so seriously that you can't laugh at it yourself or tolerate irreverent jokes about it, know that something's really, really fucked up.

Saturday, September 20, 2008

उसने सोचा

मुझे पश्चात्ताप की आग झुलसा रही है. कल रात सो के उठने के बाद अचानक से जैसे ये ख़याल ज़ेहन में कौंध सा गया.

"पापी...".

जाने में या अनजाने में, सोच-विचार के या यूँ ही, कमीनियत में या भलमनसाहत में -- जैसे भी हो, पापों का घड़ा भर-सा गया मालूम होता है. प्रायश्चित्त करने का वक्त आ चुका है.

कैसे हो यह उपक्रम? और क्यूँ हो? जो होना था सो तो हो चुका. तुम्हारे ये बेकार के जुगाड़ मात्र तुम्हारे अहम् को तुष्ट करने के ज़रिये हैं. ये उतने ही मूर्खतापूर्ण हैं जितना 'खून का बदला खून'. अगर इन्तक़ाम दार्शनिक दृष्टि से ग़लत है तो प्रायश्चित्त क्यों नहीं? दोनों एक ही प्रकार की स्वार्थपरक भावना के तुष्टीकरण हेतु अस्तित्वमान हैं. ये सब पुराने ज़माने के हठ योग -- ये सब मैसोकिज्म नहीं था तो क्या था? ये सब विकृत मानसिकता नहीं थी तो क्या था?

खैर, खूब सोचा. लेकिन जैसे चाहे जितना सोचो, बदला तो लेना ही पड़ता है, वैसे अब मुझे पश्चात्ताप भी करना ही पड़ेगा. (मुस्कुरा के) साले बड़े ग्लैमरस फंडे है!

कई तरीके हैं. लेकिन सबसे असरदार तो वो होंगे जो तुम्हारे शरीर को कष्ट देने का काम करेंगे. भूख, प्यास, नींद -- इन पर हमला बोला जाए. काम के घंटे बढ़ाए जायें. मौन व्रत धारण किया जाए. इस देह की सभी आरामतलबी का नाश किया जाए. सभी मनोरंजनों को आग लगा दी जाए. क्यों क्या कहते हो?

धीरे धीरे बात टॉर्चर तक पहुँचे. हाथ पैर पर आरियाँ चलायी जायें. (कसम से, मज़ा आ जाएगा).

फिलहाल ख़ुद को भूखा रखा जाए (दिन में एक बार तो खाना बनता है मगर... नहीं?).
फिलहाल मौन व्रत रखा जाए (ज़रूरत पर तो बोलना ही पड़ेगा मगर... नहीं?).
फिलहाल काम के घंटे बढ़ाए जायें (वीकेंड्स पर तो थोड़ा आराम बनता है मगर... नहीं?).
...

एंह...तुमने खूब सोचा मगर सब बकवास. तुम सही कह रहे थे. ये सब तो ख़ुद को खुश रखने के जुगाड़ हैं. सच में पश्चात्ताप करना है तो बस दो-तीन काम काफ़ी हैं.

एकांत में हमेशा अपने पाप स्मरण करो. जिन्हें तुम्हारे कारण कष्ट हुआ है, उनसे मिलो, उनके सामने नतमस्तक हो, और सच्चे दिल से माफ़ी मांगो. बस.

(नहीं...नहीं...नहीं...कतई नहीं).

<*शीशे पे पत्थर फ़ेंक के मारता है. टूटे हुए शीशे के टुकड़े हाथ में चुभते हैं, चेहरे पे खरोंच मारते हैं. खून ही खून. हँसता है, हँसता है, खूब दिल खोल के हँसता है*>

Thursday, September 18, 2008

The Great Gig in the Sky

Richard Wright, keyboardist and one of the founder members of Pink Floyd, died on 15th September.

Link to news on Pink Floyd's site.

Link to obit in Wired.

All my hopes of witnessing the ultimate mega-ass-kicking reunion of my favourite band are dashed to the ground.

<*Sigh*>

PS: Solzhenitsyn followed by Richard Wright. I wonder who, from my pantheon, is slated next.

<*Double Sigh*>

Wednesday, September 10, 2008

Pure Pornography









The LHC goes operational today!

You Large Hardon (sic!) Collider, I demand orgasm now!

Sunday, September 07, 2008

Another list in the Wall (Part 4)

The following is the list of my favourite books in no particular order. Only those belonging to the 'Beyond AA' category are admitted.

1) The Insulted and the Humiliated (Fyodor Dostoyevsky)
2) The Brothers Karamazov (Fyodor Dostoyevsky)
3) Crime and Punishment (Fyodor Dostoyevsky)
4) Notes from the Underground (Fyodor Dostoyevsky)
5) The Idiot (Fyodor Dostoyevsky)
6) Anna Karenina (Lev Tolstoy)
7) The First Circle (Aleksandr Solzhenitsyn)
8) The Gulag Archipelago (Aleksandr Solzhenitsyn)
9) Zen and the Art of Motorcycle Maintenance (Robert M Pirsig)
10) Neuromancer (William Gibson)
11) The Selfish Gene (Richard Dawkins)
12) लाल टीन की छत (निर्मल वर्मा)
13) Godel, Escher, Bach: an Eternal, Golden Braid (Douglas R Hofstadter)
14) The Catcher in the Rye (J D Salinger)
15) 1984 (George Orwell)
16) Midnight's Children (Salman Rushdie)
17) कुरु कुरु स्वाहा (मनोहर श्याम जोशी)
18) Catch 22 (Joseph Heller)
19) चंद्रकांता/चंद्रकांता संतति (देवकीनंदन खत्री)
20) Fight Club (Chuck Palahniuk)
21) Infinite Jest (David Foster Wallace)
22) Lolita (Vladimir Nabokov)
23) 2666 (Roberto Bolaño)
24) Road to Reality (Roger Penrose)
25) Underworld (Don DeLillo)
26) The Savage Detectives (Roberto Bolaño)