
ओजारुमारू मेरा नाऽऽम,
करूँ मैं बऽड़े - बऽड़े काऽऽम
ज़्यादा नहीं सोचता हूँ मैं
मस्त रहता हूँ सुबह-ओ-शाम
नए, एडवेंचर्स पे मैं जाऊं,
ये ही तो शौक है मेरा, चलो हम साथ में चलें!
ओजारूमाऽऽऽरू!
करूँ मैं बऽड़े - बऽड़े काऽऽम
ज़्यादा नहीं सोचता हूँ मैं
मस्त रहता हूँ सुबह-ओ-शाम
नए, एडवेंचर्स पे मैं जाऊं,
ये ही तो शौक है मेरा, चलो हम साथ में चलें!
ओजारूमाऽऽऽरू!
...
मज़े की बात ये है की जिस बंदी ने ये सिरीज़ बनाई (रिन इनिमारू), उसकी मौत आत्महत्या से हुई! किसी ने ठीक ही कहा है : अति सर्वत्र वर्जयेत (लम्पटगीरी में भी !)
2 comments:
इस विषय पर हमारी वार्तालाप पहले भी हो चुकी है. ख़ैर, जो भी हो, ओजारूमारू हमें एक बेहद प्रतिभाशाली गायक लगे.
ओजारूमाऽऽऽरू!
Post a Comment